ॐ सांई राम
साईं तुझसे जुदा होके
जी पाउँगा मै कैसे
जी पाउँगा मै कैसे
तेरी मोहनी मूरत तो
मेरे दिल मे बसती है
फिर भी मेरी आँखें
दर्शन को तरसती हैं
अब तू ही बता साईं
जी पाउँगा मै कैसे
साईं तुझसे जुदा होके
जी पाउँगा मै कैसे
भक्ति की राहों मे
कांटे भी न कम होंगे
कष्टों से भरी आंधी
तूफां भी न कम होंगे
भक्ति से जुदा होके
जी पाउँगा मै कैसे
साईं तुझसे जुदा होके
जी पाउँगा मै कैसे
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